Abhang Marathi

मुखे यावे माझ्या नाम निरंतर |

मन आता पुसे | कां रे देवपूजा |
अंतरात झोंबाझोंबी | गुढतत्वे ||१||

वाढला गलबला | आता अंतर्यामी |
सगळाच गोंधळ | कळेचना ||२||

कैसे शोधू आता | सत्यशुद्ध तत्व |
वाट माझी मला | सापडेना ||३||

शास्त्रे तरी किती | शोधावी आणिक |
वेद उपनिषदे पुराने | महाथोर ||४||

मी आपुला बापुडा | असा निरक्षर |
अक्षरांमध्ये मज | तो सापडेना ||५||

माझेच मला ते | नीटसे कळेना |
चाललो मी आता | कुणीकडे ||६||

विश्वामध्ये म्हणे | आहे तो सर्वत्र |
परी कां न मला | गवसेना ||७||

माउली तुकाराम | नामदेवासारखे |
पावले असती | परमपद ||८||

ज्ञानोबांच्या ओव्या | अभंग तुकयाचे |
नामाचे ते ईश्वर | नामदेव ||९||

संत जनाबाई | नरसी मेहता अन |
चोखामेळा सारे | दिव्य आत्मे ||१०||

आता एक आस | लागलीसी जीवा |
व्हावे मज दर्शन | आत्मरूपे ||११||

नको चतुर्भुज | दर्शन ते दिव्य |
विश्वरूप अर्जुना | नको मला ||१२||

साजिरे ते रूप | कर शंखचक्रांकित |
ओसंडून वाहे | अपार माया ||१३||

मुखे यावे माझ्या | नाम चिरंतन |
सुस्थिर अंतरी | रूप तुझे ||१४||


(c) मुकुंद भालेराव
छत्रपती संभाजी नगर
दिनांक: २० मार्च २०२३
दुपारी: १४:४०

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