Urdu

जीने का सामान बचा नही……

जीनेकी तमन्ना बहुत है
ख्वाइशे बेशुमार है,
ख्वाबोसे भरे है अरमान
लेकीन जीने का सामान नही है…….

बहुत पढाई मुकम्मल की,
बन गया फाजिल-ए-अजल
मगर हाय !
क्या करू उस फाजिलाका
जीने का तो सामानही नही है……

ढेर सारी मुहज्जब–जुबान
ए’-जाज-नुमाई१० मिल गये,
सारे लब्जोन्के साहुकार११,
मगर जीने का सामान नही है…..

क्या करू उस तकरीजको१२
रूहको ठंडक पहुचाती है,
मगर दो वक्तकीं रोटीके लिये
जीनेका तो समानही नही है……

बाते अकारत१३ तो करते है
मगर मदद-ए-म’आश१४ नही,
उन रंगीन ख्वाबोका क्या करू,
जीनेका तो समानही नही है………

गुजारीश है ऐ मेहेरबानो
लब्जोन्की बरसात न करो,
मुमकिन है तो मेहेरबानी करो
क्योंकी पास मेरे अब कोई
जीनेका समान बचा नही…..

अब क्या बताये क्या सुनाये
अपनी अंदोह-गी दास्तान१५,
सर-ए-‘आम१६ चौराहे की ठेकरीपर१७
सियाह-बख्त१८ क्या बयां करे


© मुकुंद भालेराव
छत्रपती संभाजी नगर
दिनांक: २०-०८-२०२३
शाम: १७:०३ से २२:५३


मुश्किल लब्जोका मतलब = Meaning of Difficult Words
०१) तमन्ना = कामना = आकांक्षा = Desire
०२) ख्वाइशे = कामना = तमन्ना = Desire
०३) बेशुमार = अनगिनत = Unlimited
०४) अरमान = इच्छा = तमन्ना = Aims
०५) सामान = सामग्री = Useful things for home = Resources
०६) मुकम्मल = संपूर्ण = पूरा = समुचा = Complete
०७) फाजिल-ए-अजल = श्रेष्ठ = वरिष्ठ = विद्वान = Erudite Scholar
०८) फाजिलाका = विद्वान = पंडित = Learned
०९) मुहज्जब–जुबान = विकसित भाषा = सभ्य लोगोंकी भाषा = Language of learned people
१०) ए’-जाज-नुमाई = चमत्कार का दर्शन = Manifestaiton of miracle
११) साहूकार = जिसके पास यथेष्ट संपत्ती है = Very rich man
१२) तकरीजको = तारीफ = दोस्तकी तारीफ = Praise
१३) अकारत = व्यर्थ = बेकार = बेनतीजा = Useless
१४) मदद-ए-म’आश = गुजारनेके लिए सहायता = वजीफा Living allowances = Pension = Assistance
१५) अंदोह-गी दास्तान = दुखभरी कहानी = Sorrowful story, Saddening story
१६) सर-ए-‘आम = सबके सामने, खुलेआम= In public, openly
१७) चौराहे की ठेकरीपर = सार्वजनिक रुपसे जहां सब देखे = In public eye, in front of all
१८) सियाह-बख्त = बदकिस्मत, बुरे भाग्यवाला = Unlucky

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