My Poems Urdu

कादिर-ए-मुतलक

बे-खबर मनमे सदा
डरका माहोल होता है,
डरावना युद्ध हरदम
करनेका खयाल होता है……….

नामुमकीन ख्वाइंशे ऐसी
और बदतमीज मोहब्बते,
ताकदवार सभी है वो
डर लगता है उन सबका……..

नंगानाच चले वहां
समाज धुधकारता जिसे,
मुहब्बत है वहां पर उससे
जो ख्वाईशे मुमकिन नही……..

खुदगरज चाहतोंका वहां
बोलबाला हरपल वहां,
बेशरम तजरुबोंकी
सल्तनत है वहां………

मस्त और बेहोश,
रोकना नफस तहत अलशावर,
इरफान और यादें सभी
मौजूद मगर पर बेखबर…….

जबरपर दुनियां सारी
खयालोंका होश है,
हरदम ही कोशीशमे
तसल्लुत ए जेहन और जमीर
को…….

हिमशैलसा तैरता वो
पानीपर दिखता है मगर
जेहन मे है फैला हुआ
जर्फ अंदर………….

पता कैसें लगायें कोई
इस अन देखे जमीरका,
जैसे हो कोई किला
ना-काबिल-ए-तसखीर सा…….

जहनकी-ए-दुनियाकी कोई
बुनियाद कैसे छू पायें,
छोटा ना-काबिल-ए-तकसीम१० जर्रा११
कादिर-ए-मुतलक१२
कायनात-ए-खुदा१३………………..


© मुकुंद भालेराव
छत्रपती संभाजी नगर
तारीख: १७ एप्रिल २०२४
वक्त: सुबह: ०९:४१

तशवीश१४: सिग्मंड फॉईड,
असबियात-दां१५,
६-०५-१८५६-२३-०९- १९३९,
(ऑस्ट्रिया – इंग्लंड)


Also read: मनोरहस्य       Mind’s Architecture


Meaning:
१ = Unconscious   २ = Desires   ३ = Kingdom   ४ = Subconscious  
५ = Knowledge   ६ = Mind   ७ = Heart   ८ = Iceberg  
९ = Unassailable   १० = Indestructible   ११ = Atom   १२ = Omnipotent  
१३ = Cosmic God   १४ = Inspiration   १५ = Neurologist  

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