बे-खबर१ मनमे सदा
डरका माहोल होता है,
डरावना युद्ध हरदम
करनेका खयाल होता है……….
नामुमकीन ख्वाइंशे२ ऐसी
और बदतमीज मोहब्बते,
ताकदवार सभी है वो
डर लगता है उन सबका……..
नंगानाच चले वहां
समाज धुधकारता जिसे,
मुहब्बत है वहां पर उससे
जो ख्वाईशे मुमकिन नही……..
खुदगरज चाहतोंका वहां
बोलबाला हरपल वहां,
बेशरम तजरुबोंकी
सल्तनत३ है वहां………
मस्त और बेहोश,
रोकना नफस तहत अलशावर४,
इरफान५ और यादें सभी
मौजूद मगर पर बेखबर…….
जबरपर दुनियां सारी
खयालोंका होश है,
हरदम ही कोशीशमे
तसल्लुत ए जेहन६ और जमीर७
को…….
हिमशैलसा तैरता वो
पानीपर दिखता है मगर
जेहन मे है फैला हुआ
जर्फ८ अंदर………….
पता कैसें लगायें कोई
इस अन देखे जमीरका,
जैसे हो कोई किला
ना-काबिल-ए-तसखीर९ सा…….
जहनकी-ए-दुनियाकी कोई
बुनियाद कैसे छू पायें,
छोटा ना-काबिल-ए-तकसीम१० जर्रा११
कादिर-ए-मुतलक१२
कायनात-ए-खुदा१३………………..
© मुकुंद भालेराव
छत्रपती संभाजी नगर
तारीख: १७ एप्रिल २०२४
वक्त: सुबह: ०९:४१
तशवीश१४: सिग्मंड फॉईड,
असबियात-दां१५,
६-०५-१८५६-२३-०९- १९३९,
(ऑस्ट्रिया – इंग्लंड)
Also read: मनोरहस्य Mind’s Architecture
Meaning:
१ = Unconscious
२ = Desires
३ = Kingdom
४ = Subconscious
५ = Knowledge
६ = Mind
७ = Heart
८ = Iceberg
९ = Unassailable
१० = Indestructible
११ = Atom
१२ = Omnipotent
१३ = Cosmic God
१४ = Inspiration
१५ = Neurologist