रेशमी लिबासमे१ सजके वो चली थी,
मानो गुलशनकी२ सारी कलीयां खिली थी,
हाथोके कंगनमे मोतीकी चमक थी,
गलेमे हिरोकी मालाकी महक३ थी……..
चेहरेका रंग बहुतही मासूम४ था,
आखोका नजारा बहुतही हसीन५ था,
बिखरे हुए बालोको सहला६ रही थी,
मानो जन्नतसे७ कोई परि उतर आयी थी……..
पैरोंके पाजेब८ की गुंज भी मधुर थी,
तितलीयोंकी चहक मनको लुभा९ रही थी,
लब्ज१० उसके हवामे लहर११ जो रहे थे,
मानो आसमानसे परिंदे१२ कोई गीत गा रहे थे…….
लुत्फ१३ उठा रहा था मै बेहोशीसे,
भूल गया था जमानेको अपनीही धुनमे,
कोयल कोई मिठीसी गझल गा रही थी,
सुहाने थे नगमे१४ दिलमे नश्तर१५ चला रही थी…….
तबस्सूम१६ थी रुहानी१७ सुहानीसी हसीना थी,
जिगरमे१८ समायी थी कमलकी लडी१९ थी,
बहारोंकी मलिका२० अनजान वो मेहबूब थी,
हवाँके झोकोंसे जुल्फोकी शरारत२१ थी…
एहसास२२ न था ऊस नाजनीनको२३ कुछ भी,
आखोंमे उसके बेबाक२४ शरारत थी,
हर पलमे रंगीन अदाँओकी२५ फुलझडीयां२६ थी ,
दिलके गहराईमे मुहब्बतकी दिवाली थी……
मासूमियतकी बौछार२७ बडीही भारी थी,
अर्शसे२८ फर्षतक२९ बारिशकी मस्ती थी,
पलकोमे उसके बिजलीसी चमक थी,
तरन्नूम३० रसीली घडीभी पागल थी…….
बेहिसाब मुहब्बत बडीही खुशमिजाज३१ थी,
ख्वाबोसी रंगीन आलम३२ की बेकरारी थी,
दिलकी गहराईमे सारा जहाँ३३ उतर आया था,
छुनेको उसको दिल ललचा३४ रहा था…….
मुकुंद भालेराव
29-94-2023
दोपहर 01:05
(१) लिबासमे = पोषाख (२) गुलशनकी = बगीचा (३) महक = सुगंध
(४) मासूम = निष्पाप (५) हसीन = सुंदर (६) सहला = कुरवाळणे
(७) जन्नतसे = स्वर्ग (८) पाजेब = पैंजण (९) लुभाना = आकर्षित करणे
(१०) लब्ज = शब्द (११) लहर = तरंग (१२) परिंदे = पक्षी
(१३) लुत्फ = आनंद (१४) नगमे = गीत (१५) नश्तर = काटा
(१६) तबस्सूम = स्मितहास्य (१७) रुहानी = दैवी (१८) जिगर = हृदय
(१९) लडी = माळ (२०) मलिका = राणी, सम्राज्ञी (२१) शरारत = खोडसाळपणा
(२२) एहसास = जाणीव (२३) नाजनीनको = सुंदरी (२४) बेबाक = निर्भय (२५) अदाँओकी = मोहक हावभाव
(२६) फुलझडीयां = फुलासारखे स्फुल्लिंग (२७) बौछार = पाऊस
(२८) अर्शसे = आकाश (२९) फर्षतक = जमीन (३०) तरन्नूम = मधुर गाणे (३१) खुशमिजाज = आनंदी
(३२) आलम = विश्व (३४) जहाँ = जग (३४) ललचाना = मोह निर्माण होणे