चुनरी भी लाल हरी, चुडीयां भी हरी हरी, रंग हरी लाल भयो, भर गयो लाल हरी……… सपनोमें हरी हरी, जागृतीमी भरा हरी, सुषुप्तीमे सदा भरा, हरी हरी हरी हरी……….. नाम हरी भरा हृदय, अनुरेणू हरी भरा, पलविपल निशिदिनी, लाल हरी मन भरा………… जन्म हो सफल हरी, कुछ और नही अब तृषा, भाव सदा हरी हृदय, […]
Month: May 2024
जन्नत यही है और अमृत यहां
भलेही पहचान हो न हो किसीसे, फरक क्या पडता है गर तुम मिलोगे, किसीको थोडेसे पल तुम जो दोगे, हंसी और खुशिके दो पल सदा…….. रास्तेमे कोई मिलता अगर है, बढा दो हाथ थामलो हाथको, दे दो थोडीसी हंसी और ख़ुशी भी, कुछ पल अपने दे दो उसे………. कोई किसीको मिलता नही बेवजह, पिछले जनमका […]
कठोपनिषद
परमात्मा-जीवात्मा, वसती हृदयी गुहेत, आस्वाद घेती ते, परम सत्य फलाचे विद्वान म्हणती तयाला, किती हे विचित्र परी सत्य आहे, हे महत तत्व सारे……. देहा नियंत्रित मन-बुद्धि करते, असती छाया स्वरूप उभय अन्यत्व ते, पशू धावतो तो, मणी मानवाच्या, जयाच्या मनी नाच चाले कामनेचा…….. बहिर्मुख होती जे असे ते पुरुष, ते भोगती ते शरीर दु:खे अनेक, […]
उमलते मनासी नवे काव्य ऐसे
तुझी नम्रतेची मोहिनी अजुनी रमते मनासी अशी निशीदिनी, मोहक आभा ती नयनात प्रीति वेडावते मज ती आनन्दकारी……. न भेटलो कधीही न स्पर्शले तनुस परि श्वासात तुझ्या असे धुंद कैफ, मनी रम्य किती सुकुमार रूपे परि सर्व विरती तुझ्या रूपात..…… श्रुतींचे मनसोक्त ऐसे तराणे आलाप घेता अन हरकतींचे, उमले मनासी नवे काव्य तेंव्हा जणु मध्यरात्री चंन्द्रकंस […]
जानेकी इतनी जल्दी क्यों….
ख्वाबमे आती नही आनेपर रुकती नही, आनेको देरी करती हो जानेकी इतनी जल्दी क्यों……… मैखानेमे जाता नही हुं न साकी कि जरुरत है, बस तेरी याद ही काफी है तनहाईमें खुदको संभलनेके लिये……….. अजीब है दास्तां ऐसी ए क्या बयां करू इसे मे, सब कुछ लगता है अपनासा मगर हर मुकाम है खंडहर…….. अब जाने […]
फ्राईडचे कृष्णविवर आणि पातंजलींची प्रकाशगंगा
मनाच्या तळाशी, असे डोह काळा, तिथे वासनांचाच, सारा पसारा……… अतृप्त ईच्छा, अमूर्त वासनांचे, पोळे तिथे ते, असे दंश त्यांचे……….. भडकती ज्वाला, तिथे काम अग्नि, कधी शांत ना तो, शमन होत नाही……… नियंत्रित त्याला, करण्या सुयोग्य, असे एक प्रौढ, विच्चारी प्रबुद्ध………….. तरी संघर्ष सारा, असे चाललेला, ‘करण्या न करण्या’, असे कृत्य व्हाया……… अस्तित्व तेथे, असे नित्य […]
I dissolved in Elixir
It was an evening flight We took off from Guwahati, And was heading to Agartala in Tripura…… Sun was setting in West And dusk was coming, In slow-steady beautifully Minute by minute………. All of a sudden, thunder Set on and plane was Dwindling in turbulent sky Horrifying us all……… Wobbling and trembling Lightening was rampant, […]
Shiva’s Blessings
When it was a thunderstorm, I as passing through a dense forest, Partly scared by the horrifying lightening, And partly scared by fear of wild animals……… Rain was powering cats and dogs madly, Trees were trembling dangerously, Roaring of lions was chilling my heart, And my blood was getting colder and colder…… I am a […]
Himalayan Wilderness
I am not a hermit Nor am I ascetic-sanyasi But wished to feel The moment of life Of those secluded souls…….. So, once I went wandering To higher ridges of Himalayas Utmost pious Gomukh At an altitude 4023 meters…… It was a chilling early Morning with Sub-zero Seventeen degrees Celsius Frozen all along Everything Flora […]